क्रिकेट के मक्का में वो जीत, जब भारतीय टीम ने अंग्रेजों को हराकर रचा था इतिहास

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भारतीय क्रिकेट के इतिहास के लिए आज के दिन (10 जून) का खास महत्व है. यही वह दिन है, जब भारतीय टीम को पहली बार लॉर्ड्स मैदान पर टेस्‍ट मैच में जीत हासिल हुई. कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने 10 जून 1986 को इंग्‍लैंड को 5 विकेट से हराकर इतिहास रचा था. लॉर्ड्स को क्रिकेट का मक्का कहा जाता है और वहां जीत दर्ज करना खास मायने रखता है. दरअसल, लॉर्ड्स में भारत को यह जीत 11वें प्रयास में मिली थी.

सीरीज के पहले ही टेस्‍ट में जीत मिली

1986 में भारतीय टीम जब इंग्‍लैंड दौरे पर गई थी तो तीन मैचों की सीरीज के पहले ही टेस्‍ट मैच में ऐसी अप्रत्‍याशित जीत मिल जाएगी यह किसी ने नहीं सोचा था. इस मैच में इंग्‍लिश टीम ने पहली पारी में 294 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 341 रन पर समाप्‍त की, इसके बाद इंग्‍लैंड के बल्‍लेबाज दूसरी पारी में 180 रन पर ही सिमट गए.

कप्तान कपिल देव ने जीत तक पहुंचाया

ऐसे में भारत के पास मैच जीतने का बेहतरीन मौका था और उसने दूसरी पारी में 5 विकेट खोकर 136 रनों का लक्ष्‍य हासिल कर लिया और इतिहास रच दिया. 134 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय भारत ने 78 रनों पर अपने चार विकेट और 110 रनों पर पांच विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद कप्तान कपिल देव ने 10 गेंदों पर नाबाद 23 रन की तूफानी पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई. उन्होंने चार चौके के अलावा बाएं हाथ के स्पिनर फिल एडमंड्स पर विजयी छक्का लगाय.

दिलीप वेंगसरकर की ऐतिहासिक पारी

कपिल देव ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे. इंग्लैंड को दूसरी पारी में 180 रनों पर समेटने में उनकी अहम भूमिका (4 विकेट) रही थी. लेकिन भारत की इस जीत के असली हीरो दिलीप वेंगसरकर रहे, जिन्होंने भारत की पहली पारी में नाबाद 126 रनों की पारी खेली थी. इसके साथ ही लॉर्ड्स में लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक जमाने वाले वह पहले क्रिकेटर बने. उन्होंने 1979 में 103, 1982 में 157 और 1986 में 126* रनों की पारी खेले थी.

लॉर्ड्स में 54 साल बाद मिली थी पहली जीत

लॉर्ड्स में भारत के लिए यह जीत इसलिए भी खास रही, क्योंकि इस ऐतिहासिक मैदान पर भारत को अपनी 11वीं कोशिश में जीत मिली थी. मजे की बात है कि भारत के टेस्ट मैचों का सफर लॉर्ड्स से ही शुरू हुआ था. 1932 में उसे अपने पहले टेस्ट में 158 रनों से हार मिली थी. भारत ने यहां लगातार शुरुआती 6 टेस्ट (1932-1967) गंवाए. 1971 में पहली बार मैच ड्रॉ रहा. लेकिन 1974 में एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा. 1979 में एक बार फिर मैच ड्रॉ रहा, लेकिन 1982 में एक और हार मिली. आखिरकार 1986 में भारत ने लॉर्ड्स में पहली जीत हासिल की.

भारत ने लीड्स टेस्ट 279 रनों से जीता

कपिल देव की अगुवाई वाली टीम ने इसके बाद लीड्स में दूसरा टेस्ट 279 रनों के विशाल अंतर से जीतकर इंग्लैंड में सीरीज जीती थी. बर्मिंघम में खेला गया तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था. जहां तक लॉर्ड्स में भारतीय रिकॉर्ड का सवाल है तो उसने इस मैदान पर अब तक 18 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल दो मैचों में उसे जीत मिली है, जबकि 12 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा. भारत ने लॉर्ड्स में अपनी दूसरी जीत जुलाई 2014 में दर्ज की जब महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में उसने इंग्लैंड को 95 रनों से हराया था.