वाशिंगटन : अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है, जिन्होंने ऐसे हाइपरसोनिक हथियार विकसित किए हैं, जो ध्वनि से कई गुना तेज उड़ान भर सकते हैं। कहा कि उसने इस तकनीक के लिए रूस के साथ साझेदारी की है। यह मुद्दा हाल की खबरों के मद्देनजर आया है कि चीन ने परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। रिपोर्ट इंडिपेंडेंट कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) द्वारा तैयार की गई थी।
“” मुख्य बिंदु हैं, “”: —-:
- संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन हाइपरसोनिक हथियारों के मामले में सबसे आगे हैं। ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, जर्मनी और जापान भी इस प्रकार की तकनीक विकसित कर रहे हैं।
- ऑस्ट्रेलिया इस तकनीक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहा है। हालांकि भारत ने रूस से हाथ मिला लिया है।
- भारत और रूस संयुक्त रूप से ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर काम कर रहे हैं जो ध्वनि की गति से 7 गुना तेज उड़ान भर सकती है। हथियार को 2017 में सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। भारी देरी के कारण.. इसके 2025-28 के बीच तैयार होने की संभावना है।
- इसके अलावा, भारत अपने ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल’ कार्यक्रम के तहत एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित कर रहा है। इसके हिस्से के रूप में, Mac6 (जो ध्वनि से छह गुना तेज यात्रा करता है) ने जून 2019 और सितंबर 2020 में स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- भारत लगभग 12 हाइपरसोनिक पवन सुरंगों का संचालन करता है। ‘माच 13’ की गति से परीक्षण भी होंगे।
वेंकट, ekhabar रिपोर्टर,