वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने चीन के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने से इनकार कर दिया और कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में फैली महामारी को ठीक से हैंडल न करने के कारण चीन के प्रति गुस्सा व निराशा जाहिर की।
पिछले साल के अंत में चीन से निकले घातक वायरस ने दुनिया भर के देशों को चपेट में ले लिया। इस कोविड-19 के कारण अमेरिका में अब तक 80,000 लोगों की मौत हो गई वहीं दुनिया भर में अब तक तीन लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस वायरस के कारण दुनिया में तीन लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। जिसमें से 80 हजार अमेरिका के नागरिक हैं। दरअसल, इसी साल चीन और अमेरिका के बीच व्यापार डील पर हस्ताक्षर किया गया था।
ट्रंप ने गुरुवार को फॉक्स बिजनेस न्यूज से कहा, ‘चीन ने व्यापार समझौते पर दोबारा बात करने का प्रस्ताव दिया था। हम इसपर बात नहीं करेंगे।’ उन्होंने आगे बताया, ‘फिलहाल चीन के साथ इस विशेष विषय पर बात या किसी भी अन्य काम के लिए खुश नहीं हूं। जो भी मैंने कहा वह सही साबित हुआ है। अन्य देशों को देखें वे हमसे व्यापार के लिए टैरिफ लेते हैं और हमें टैरिफ की अनुमति नहीं है। इस साल की शुरुआत में चीन और अमेरिका के बीच प्रथम चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। जो दो सालों के टैरिफ वॉर के बाद हुआ जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चीन ने हमेशा अमेरिका से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) चुराया है। इसके लिए उन्हें कभी भी कुछ नहीं बोला गया लेकिन अब उन्हें बाहर बताया जा रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘हम उन्हें रोक सकते हैं, वे ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा कहने का मतलब है कि उनके साथ आप बिजनेस रोक सकते हैं। चीन के साथ व्यापार करते हुए हमने संपत्ति गवाई है। हमने चीन को दोबारा बनाया।’
इस क्रम में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा पर भी उन्होंने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि ओवल ऑफिस की सीट पर बैठे लोगों ने चीन को इस बात के लिए बढ़ावा दिया कि वे अमेरिका के साथ धोखेबाजी कर सकें। इसके लिए बराक ओबामा और जो बिडेन का नाम लेते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘ उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन देश के साथ ठगी करने का मौका चीन को दिया है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि वे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहते हैं।
ट्रंप और माइक पोंपियो ने दावा किया है कि इस घातक वायरस को चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में बनाया गया था। अमेरिका ने बार-बार कहा है चीन से कहा है कि वह इंटरनेशनल कम्युनिटी को वुहान के लैब में जांच की अनुमति दे।